ॐ नमो श्री हरि
हे श्याम !
खामोश हूँ, चुप हूँ
गलत तो नहीं हूँ
असफल हूँ, सफल थोड़ी कम हूँ
मैं पैसा थोड़ा कम कमाती हूँ
पर गलत तो नहीं हूँ
मैं झूठ नहीं बोल पाती
मैं सच बोलती हूँ
तो क्या मैं गलत हूँ
मुझे भरोसा है तुझ पर
क्या यह खता है मेरी
तुझ पर भरोसा करती हूँ
तो क्या गलत करती हूँ
तेरी दी हुई शिक्षा का अनुशरण करती हूँ
तेरे आदेश का पालन करती हूँ
तो क्या गलत करती हूँ
अन्याय से लड़ना गलत है तो हाँ मैं गलत हूँ
लोगों को बेख़ौफ़ करना गलत है तो हाँ मैं गलत हूँ
खामोश तो तू भी रहता है
तो क्या तू भी गलत है
अब तेरी ख़ामोशी मेरा दम घोटती है
टूटती हुई उम्मीद तेरी ओर देखती है
डूबती हुई मेरी आशा को
केवल तुझ से आस है
यह आस तुझसे करती हूँ
तो क्या गलत हूँ मैं
तो क्या गलत करती हूँ
ॐ नमो श्री हरि
गीता राधेमोहन
प्रेमाभक्ति योग संस्थान दिल्ली
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