वो पूछते हैं हमसे
हमें प्रेम कितना है
हम हँस कर कहते हैं
मापा नहीं कभी
वो पूछते हैं हमसे
प्रेम निभाओगे कैसे
हम हँस कर कहते हैं
यह भी जाना नहीं कभी
वो मुस्काकर कहते हैं
प्रेम पीड़ा का सागर है
राह में विरह की नदिया
दुनिया के ताने भी
तुमको सुनने होंगे
कांटे बोलो के
पलकों से चुनने होंगे
इस असहनीय पीड़ा को
कहो कैसे सहोगे
हम हँस कर कहते हैं
क्या डरा रहे हमको
ये उल्टी-सीधी पट्टी
क्या पढ़ा रहे हमको
हमारे रोम-रोम में श्याम समाया है
हमने तो राधे श्याम को अपना बनाया है
मोहन की एक मुस्कान पे
सौ कष्ट कबूल करते हैं
बस याद राधे श्याम की
बाकि सब भूल करते हैं
यह अहंकार नहीं हमारा
यह प्यार है प्यारे
जो हम तुमसे करते हैं
बस तुमसे करते हैं
हमें प्रेम कितना है
हम हँस कर कहते हैं
मापा नहीं कभी
वो पूछते हैं हमसे
प्रेम निभाओगे कैसे
हम हँस कर कहते हैं
यह भी जाना नहीं कभी
वो मुस्काकर कहते हैं
प्रेम पीड़ा का सागर है
राह में विरह की नदिया
दुनिया के ताने भी
तुमको सुनने होंगे
कांटे बोलो के
पलकों से चुनने होंगे
इस असहनीय पीड़ा को
कहो कैसे सहोगे
हम हँस कर कहते हैं
क्या डरा रहे हमको
ये उल्टी-सीधी पट्टी
क्या पढ़ा रहे हमको
हमारे रोम-रोम में श्याम समाया है
हमने तो राधे श्याम को अपना बनाया है
मोहन की एक मुस्कान पे
सौ कष्ट कबूल करते हैं
बस याद राधे श्याम की
बाकि सब भूल करते हैं
यह अहंकार नहीं हमारा
यह प्यार है प्यारे
जो हम तुमसे करते हैं
बस तुमसे करते हैं
ॐ नमो श्री राधे श्याम
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