Saturday 5 November 2016

हम इस संसार में किस लिए आये हैं ?

श्री हरि  के प्यारों,
                          -: जय श्री राधे-श्याम  जय श्री सीता-राम :- 


9 अक्टूबर 2016 के लेख का तीसरा सवाल है कि हम इस संसार में किस लिए आये हैं ?


दोस्तों, क्या आप ने कभी सोचा है कि हम इस संसार में किस लिए आये हैं ? जो हम करते हैं। क्या वाक़ई हम वही करने के लिए आये हैं। क्या उस ईश्वर ने हम को अन्य जीव-जंतुओं जैसा ही बनाया है या उन सबसे भिन्न बनाया है। 

यदि आप यह मानते हैं कि ईश्वर ने आपको अन्य जीव-जंतुओं जैसा ही बनाया है तो आप जो कर रहे हैं। वही आप के लिए उचित है। लेकिन, यदि आप यह मानते हैं कि ईश्वर ने आप को अन्य जीव-जंतुओं से भिन्न बनाया है तो आप का कर्म भी अन्य जीव-जंतुओं से भिन्न होगा। आज लगभग सभी व्यक्ति अपने बारे में ही सोचते समझते हैं। जिसका समाज पर बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। 

ईश्वर ने इस पूरी दुनिया को बनाया और हमारे सुपुर्द  कर दिया। उसने हमारे हृदय में प्रेम, दया, करुणा का रस भरा। उसने हमारे लिए नेकी और भलाई की राह बनाई। उसने हम को एक दूसरे का भला करने का कार्य दिया। उसने हमको बल-बुद्धि-विवेक दिया। उसने अपनी ख़ूबसूरत दुनिया हमारे हवाले कर दी। 

लेकिन हम ने क्या किया ? क्या है, हमारा व्यवहार एक-दूजे के प्रति ? हम ने अपने हृदय से प्रेम, दया, करुणा निकाल  कर  ईर्ष्या,घृणा, नफ़रत का ज़हर भर लिया। हम ने भलाई और नेकी की राह  को छोड़ कर नफ़रत और बुराई के रास्ते पकड़ लिए। एक-दूजे का भला भूल गए बस याद रहा तो अपना लाभ। ईश्वर की दी हुईं तीन अनुपम शक्तियाँ  बल-बुद्धि-विवेक का उपयोग तो हमने बहुत ही अजीब तरीक़े से किया है। 

-: बल-बुद्धि-विवेक :-


बल- ईश्वर ने बल दिया कमज़ोरों की मदद के लिए, अन्याय को रोकने के लिए , समाज भलाई के लिए।  


बुद्धि- ईश्वर ने बुद्धि नीतिवान, ज्ञानवान, दयावान, विद्वान बनने के     लिए दी। 


विवेक- ईश्वर ने विवेक हमको धर्म और नीति की राह पर चलने के     लिए दिया 


हम ने जिस प्रकार इन तीनों शक्तियों का दुरुपयोग किया है। उसको बताने के लिए मुझे शब्दों की ज़रूरत नहीं है। वह आप सब प्रत्यक्ष ही देख सकते हैं। 


विषय बहुत विस्तृत है। संक्षेप में लिखने से जो बात आप तक पहुँचाना चाहती हूँ, वह असम्भव है। इसलिए कुछ विचार अगले लेख में साझा करुँगी। धन्यवाद !

आप को यह लेख कैसा लगा। कृपा ज़रूर बताएं। संपर्क सूत्र निम्न हैं। 

whatsApp - 9643581002 
Email- premabhaktiyog@gmail.com 

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